Detailed Notes on पारद शिवलिंग फोटो
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दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...
स्फटिक एक प्राकृतिक क्रिस्टल है, जो अपनी शुद्धता और चमक के लिए जाना जाता है। स्फटिक शिवलिंग भी उतना ही शुभ और पूजनीय माना जाता है, जितना पारद शिवलिंग। आइए जानें इसकी महिमा को:
शिवलिंग को महादेव का निराकार स्वरूप माना जाता है. शिवलिंग ऊर्जा का भंडार है. इसलिए इसकी पूजा के लिए विशेष नियम बनाए गए हैं.
इसकी स्थापना सोमवार के दिन चंद्र के होरा में करें।
पुराणों में बताया गया है कि इस शिवलिंग में संपूर्ण ब्रह्मांड का ज्ञान होता है।
साथ ही माँ लक्ष्मी और कुबेर देव को प्रसन्न करने के लिए ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः’ मंत्र का पाठ करें।
पारदशिवलिंग इतना शक्तिशाली शिवलिंग है की अगर पूजा करने वाले उपासक पर कोई संकट आता है तो यह शिवलिंग स्वयं अपने ऊपर ले लेता है और टुट जाता
पारद श्री यंत्र को स्थापित करने की विधि:
थानागाजी में मकान की छत गिरी, व्यक्ति की मौत
उसके बाद शिवलिंग पर हल्दी और चंदन का तिलक लगाएं
नकारात्मकता का नाश: पारद शिवलिंग अपने आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने में सहायक होता है।
कुबेर कुंजी की स्थापना त्रयोदशी तिथि में करें।
Just rub the lemon within the area of Parad shivling just about every alternate day. It will eventually start off shining. Then clear it by using a water and wipe it off with thoroughly clean fabric. Now it is ready to worship or dress in. There'll be no markings पारद शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा left any place in the shivalingam or if worn in your body.